चंडीगढ शहर एक नजर। Chandigrah sahar ek najar । हिंदि कविता । देविंद्र गुज्जर । चंडीगढ शहर के नजारे ।


 
चंडीगढ शहर जब देखा एक नजर
नजर थम जाए हर  डगर-2
 
चंडीगढ शहर के वो सेकटरो के नजारे
वो तरह -2 के  जो दिखते सितारे
 
चंडीगढ शहर मे मिले हमे जो हरियाली के  खुब नजारे
कही रोज गार्ड्न-रोक गार्डन तो कही सुकना झील के नजारे
 
चंडीगढ शहर मे सही मे दिखे प्यार की आजादी के नजारे
जोडे. देखे सुबह शाम सड.को पर प्यार के भरते हुलारे
 
चंडीगढ शहर मे गाडीयो कि हर शाम मे जो लगती कतारे
आखे खुली देख यहां एलट मोल जैसे अनेक जो नजारे
 
चंडीगढ शहर मे सरकारी महकमो के  आफिश बहुत सारे
हरियाणा,पंजाब ओर हिमाचल मे हुकम यही के चलते सारे
 
चंडीगढ शहर मे, प्यार के रोगीयो की लम्बि -2 कतारे
एक से बढ्कर एक हुरो के यहां हुए अजब गजब नजारे



 
चंडीगढ शहर मे हर धर्म के एक से एक बने द्वारे
कही चंडी मंदिर, कहि चर्च,कही मस्जिद,ओर गुरुद्वारे
 
चंडीगढ शहर मे, चंडीगढ रेल्वे स्टेशन के भी सबसे अलग नजारे
एक तरफ चंडीगढ शहर तो दुसरी तरफ पंचकुला शहर के नजारे
 
चंडीगढ शहर मे एक जगह मन के ठहरने के अद्भुत नजारे
एस्कांन मंदिर मे सभी के मन की शांति के खुल्ते जो द्वारे
 
चंडीगढ शहर मे 13 नम्बर सेक्टर के नही मिलते नजारे
वास्तु के हिशाब से चंडीगढ शहर मे सेक्टर जो बने सारे
 
चंडीगढ शहर मे, हर मोड पे पुलिस के होंगे नजारे
जो इस शहर की आबो हवा को लगाते चार सीतारे
 
चंडीगढ शहर मे, हर एक दिल के अर्मा होते पुरे सारे




देविंदेर गुज्जर के ने घुम -2 लिखे अपने विचार सारे

भारत देश को क्या से क्या बना दिया? । हिंदि कविता देविंद्र गुज्जर्। भारत देश नेताओ के कितने भेस । मेरा भारत देश ।

 

जिस देश को गुलामी से आजादी के नाम पर दो भागो मे काट दिया
जब दो हिस्सओ मे बांट दिया फिर हमारे हिस्से मे क्यो बंदर बाट किया

   


 
जिस देश को गुलामी से आजादी के नाम पर दो मुल्को का रूप दिया
एक को तुमने जिसे मुस्लिम देश जिसे   पाकिस्तान बना दिया  
फिर हिंदुओ के हिस्से का वो देश कहां पर  तुमने छुपा दिया
सच्च बताओ क्यो तुमने हिंदुओ को इतना बाडा दगा दिया
 
दुसरे को बस नाम का ही हिंदुस्तान बना दिया गया?
अंग्रेजो ने छोडा.एक परिवार ने गुलाम अपना बना दिया
किसी को पता ही ना चला कब देश का का धर्म ही मिटा दिया
जो आजादी के मतवाले उंनका ईतिहास ही तुमने छुपा दिया
 
जो थी जनता उसे आजाद बता अपने 2 काम लगा दिया
जो कोई थे जानकार उनको ताकत के दम पे दबा दिया
जो देश मे किया उसी पर सिर्फ अपने परिवार का ना लिखा दिया 
जो किया इनके परिवार ने बस वो ही किताबो मे लिखवा दिया
 
हमसे दगा करने कि नियत देखिए हमारे धर्म के मार्ग को ही मिट दिया
हमारी नसलो के दिमाग मे हमारे देश का कोई धर्म नही ये  बेठा दिया
हमारे धर्म कर्म के जो थे संस्थान उनका कानून बना महत्व मिटा दिया
हमारे बिच जो रह गए अल्प मत वाले उनका वजुद कानूनी बना दिया
 
हम फिर भी ईतने भोले कि हमने इन्हे पकका राजा ही बना दिया
हम-2 मे खोए रहे हमारे धर्म का वजुद मिटाने का माहोल बना दिया
हमारे सारे ग्रंथो को इन्होने लिखित रूप मे दे काल्पनिक बता दिया
हमे कुछ तो ये बताए हमारे घर मे इन्होने हमारा ही क्या रूप बना दिया
 
जिस देश कि नीव ही धर्म के नाम पे पडि. उसकी पहचान को बदल दिया
जिस देश मे 80% हिदु धर्मी फिर भी उस देश का धर्म इन्होने मीटा दिया
जिस देश मे  सब धर्मो को फेलाने कि आजादी हमारी को कम करा दिया
जिस देश मे एक था धर्म उसमे  आर्कक्षण का जहर आपस मे फेला दिया
 
आपस मे बेर का जहर दे फिर गुलाम अपना हमे बना दिया गया
जहां कही भी देखो तुमने धर्म ओर जाति के नाम पर लडा दिया
फिर भी हमारी नादानी देखो तुम्हे समझने मे 50 साल लगा दिया
अब कहते घुम रहे तुमने जाने किस अग्यानी को कुर्सी पर बेठा दिया
 
तुम्ने तो अब अपना असली रूप जनता को दिखा दिया
तुम्हारे अंदर का हिंदु विरोधि रूप सबके सामने जता दिया
तुम्हारे अंदर सत्ता का लाल्च भरा हुआ ये तुम्ने बता दिया
तुमने 370,35ए ओर सी.ए.ए का विरोध कर तुम कोन ये बता दिया