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मन का मोह । समय के साथ बद्ल जाता हैं । हिंदि me कविता । Devinder Gujjar । मन मोहक सफर जीवन का ।




 


मन का मोह समय के साथ बद्ल जाता हैं
ये बचपन मे कुछ ओर होता हैं
ये लड.क्पन मे कुछ ओर हो जाता हैं
ओर ये जावनी आते-2 बिलकुल बदल जाता हैं
.....समय कि मार से बदलता जाता हैं.
 
जींदगी के सफर मे थफोडे खा-2 ये बदलता जाता हैं.
ज्यो-2 समय निकलता जाता ये बदलता जाता हैं
..ये समय कि मार से बदलता जाता हैं.
 
जवानी के दिनो मे ये एक जगह नही रूक पाता हैं
कभी प्यार का मोह, तो कभी यार का मोह आता हैं
...ये समय कि मार से बदलता जाता हैं.
 
फिर येअपने परिवार के मोह मे पड. जाता हैं
मन का मोह बुढापा आने तक बदलता जाता हैं
...ये समय कि मार से बदलता जाता हैं.
 
बुढापा आते ही ये विराम लगाने लग जाता हैं
अब ये चाह कर भी नही बदल पाता हैं
..ये समय कि मार से बदलता जाता हैं.