यह ब्लॉग खोजें

मेरे देवता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
मेरे देवता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

फादर साहब, मेरे देवता, मेरे अरमान

फादर साहब, मेरे देवता, मेरे अरमान 


 फादर साहब मेरे जब चले गए,

जैसे मानो मंदिर से भगवान चले गए

उन्हें याद कर कर,आधी रात तक सब बाते करते आए 

जब हम महीनों उन्हें भुला ना पाए


देने को उन्होंने जों दिया,

वो हमारे लिए वरदान बना गए

वो तो चले गए पर हमें अपना रुतबा दिखा गए

ना उनके जितने जानने वाले,

ना मानने वाले बना पाए


पता हमें जब चला, जब वो चलना छोड़, खाट पर जब आ गए

जिसे जब पता चला वो मिलने चला आए

जों भी आता, दो इनको फादर साहब कहते पिने को चाए

महीनों के बाद वो शरीर छोड़, हमारे खवाबो मे ही रह गए

जब चले गए, तब उनकी कही बाते याद आने लगी,


वो छोड़ बेसक इस जहाँ को गए

पर आखिर तक वो अपना मनोबल बनाये गए

ड्यूटी जाऊ तो कहते मे सही, चिंता नहीं करना

अपनी ड्यूटी ईमानदारी के साथ करना


1998 मे जब सेना मे गया तो भी वही कहा और

2019 मे भी यही कहा जब रेल विभाग मे गया

घर हो चाहे बाहर, काम ईमानदारी के साथ करना


ईमानदार,

और ये सब्द जैसे मेरी रग रग मे बस गए 

इस काम के लिए, हमें चाहे किसी से उलझना पड़ा हो

आखिरी कथन जब आखिरी के दिनों