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रामजीलाल - रामजी के लाल, पूर्व सैनिक

 रामजी के लाल

 रामजी के लाल, तेरे बिना हुआ सब का बुरा हाल

घर, मोहल्ला नहीं गॉव के गांवो का हुआ बुरा हाल है

जिसने गांव, समाज के हर एक दर्द को सहा

सच हमेशा कहाँ और सच का साथ दिया


सदा घर, परिवार, गॉव, समाज को एक रखने

और हमेशा आगे आगे कि सोच रही

पढ़ाई का हमेशा ख्याल रखा

चाहे वो अपने बच्चों कि हो या गांव समाज के बच्चों का हो


 रामजी के लाल, तेरे बिना हुआ सब का बुरा हाल


सब आपसी मन मुटाव, गॉव मे ही सुलझाने कि कोसिस रही

ये नहीं कि जीवन मे आपके सब सही ही रहा

जीवन आपका सदा सादा और कठिनाई मे रहा


सादा खुश और अच्छे से जीने का नज़रिया  आपका रहा 

पर औलाद आपकी तरह फौलाद ना निकली

बेटी तो अपने घर चली गई-

पर बेटों ने बहूत ही ,ज़्यादा दुख दिया

देख औलाद के लक्षण तो इंसान पैदा ही ना करें


 रामजी के लाल, तेरे बिना हुआ सब का बुरा हाल

बेटे भी कम नहीं 4-4 रहे

पर चारो के सादा कोने चार बने रहे

सबसे बड़ा बेटा, जों इतना गवार निकाला

कि उसने अपने बड़े होने का कभी हक़ पूरा ना किया


जों भी किया, नाम के काबिल काम ना किया

पूरी उम्र घर बैठ कर खाया

फिर भी इसे अपना पन रास ना आया

जब निकला सांस तो मिलने तक ना आया


 रामजी के लाल, तेरे बिना हुआ सब का बुरा हाल-


मन मुटाव किस घर मे नहीं होता

लेकिन इस घर का तो जैसे मुटाव ही बचा हो

सबसे छोटे वाला तो-

 मिलने कि क़्या मरने पर भी नहीं आया,


एक था बेचारा कुछ कमा नहीं पाया पर

अंत समय मे उसने, खूब अपना फ़र्ज निभाया

जिनके पास रहा वो तो बच्चे कि तरह रखता लाया

जब डॉक्टर ने हाथ उठाया तो


वो सेवा को अपने घर पर, बेटे का खूब फ़र्ज निभाया

जीस जीस कारण फौजी बेटा, अनपढ़ बहु लाया

उस बहु ने भी, bahu or बेटी का  khub फ़र्ज निभाया


 रामजी के लाल, तेरे बिना हुआ सब का बुरा हाल


दर्द हमें भी यही रहा कि -

जों लोग पूरा जीवन अपने परिवार के लिए खापा देते है

वो अंत समय मे, दर्शन को भी नहीं आते है

सब जान कर भी अनजान बने रह जाते है


 रामजी के लाल, तेरे बिना हुआ सब का बुरा हाल-


ऐसे मे बस एक ही विचार आता है

जों साधु संतो ने जों कहा वो ही सच हो जाता है कि

कोई किसी का नहीं, सब मतलब तक का फेरा है

सही समय पे कोई काम आ जाए, हो ही अपना है

नहीं तो, ना कोई सगा ना कोई, अपना हे


 रामजी के लाल, तेरे बिना हुआ सब का बुरा हाल- 

वो नसीब वाले होते जों, साथ अपनों का पाते है

नही तो सब से पहले तो अपने ही, मुँह मोड़ जाते है

और कुछ दूर जाने पे मुस्कराते जाते है


 रामजी के लाल, तेरे बिना, हुआ सब का बुरा हाल हैं

जो आपके साथ सदा एक होकर चले वो -

अपने अपने रास्ते पर चल दिए-

जो थे जितने  प्यारे वो, अब अंजाने हो चले हैं 


 रामजी के लाल, तेरे बिना हुआ, सब का बुरा हाल हैं