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बाबा जी मेरे भोले -Devinder Gujjar लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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बाबा जी मेरे भोले -

 1. भोले की ये माया से ,नही तेरी ये काया से, 

     जिस पे तुने इतना बहम लगाया से  ....2

2. बंदे तेरी ना कोई ओकात , ओकात समय बनाते आया से

    समय सही हो तो घर बेठे मान बढता जावे से 

मेहर बाबा कि हो जावे तो  छपर फाड. पेसे आ जावे स  Gujjar 

जो मुह फेर ले  किसमत तो, सब उल्टा होता जावे स 

3.  किसम्त के क्या कहने, सब अपनी -2 लिखवाके लाते से

    कोई उमर भर कोल्हू का बेल बना फिरता 

    कोई नहा धो, रोब ते टेम बितावे से

    कोई घर मे बडा होवे अपने हुकम चला ता जावे स 

    कोई छोटे के कंधे पे बोझ बन, बस जी ता जावे स 

    कोई बोली ते, बिगडे काम बनाता जावे स 

    कोई इसी बोली ते, बना काम पल मे बिगाड जावे स 


    किसि कि किस्मत इट्नी माडी कि  पढा लिखा भी  बस पेट भर पावे स  

    कोई किसमत का इतना धनी की, कितनो के पेट भरत, बेसक घर पे रह्ता जावे स 

    कोई कितना सही कर ले, उस्के उल्टे काम अपने आप होते जाते स 

    कोई उल्टा करता फिर भी उसके सिधे होते जावे स 


    बडे -2 कह गए- रूप कि रोए जावे, कर्म की मोज मनाए जावे स 

    इसी ते तो पता लगता जावे कि इस जगत ने कोई ओर सक्ती चलावे स 

    जिस कि किस्मत होती, उसे काल के मुह से भी बाहर निकाल लावे स 


3. जगत मे कोई नही किसी काम का,

    हर रिसता बन ग्या बस नाम का 

   हर  रिसता बंता जाता अपने -2 मुकाम का,

   दुसरे की जान के कोई माइने नहि, धयान रखते अपने जुकाम का 

  

  जब तक  मतलब, जब तक साथ फिर नही कर्ते कोई बात स 

  समय का फेर होता, कोई पहले पा लेता किसी को लग जाती देर स 

   4  मोहमाया का परदा जिस दिन दुर होता 

       सब बदला -2 नजर आता स 

        कल्युग इसे क्यो  कहते तब सम्झ आता स 

       नहि तो भाग दोड मे यु हि जिवन निकल जाता स 


   5 अब मान सम्मान की कोई बात नही रही 

       बस अपने सुख पुरे करना चहावे स 

       जो निति ओर रिति चल्ती आई, पल मे भुल जावे स 

      पर जब समय अपने आप को दोहराने आता जब रोते नजर आवे स 

      

  6   बिना मतल्ब कि दोड मे दोडे जावे स 

       उप्पर वाले का नाम भी लेना भुल जावे स 

       जब समय का फेर होता जब दर -2 कि मिट्टि लेते नजर आवे स 

       चार दिन जिवन के तब तक कुछ हि रह जावे स 

  7    आए पालने मे, समसान कोई नही जाना चाहे स 

         पर ये शांस तो गिनती के अपने टेम पे रुक जावे स 

         किए अपने एक एक काम फिर याद आवे स 

         जब निकलने को ये प्राण हो जावे स 

8       सुना पडा यो मकान, ज्यु होवे सम्सान 

          

9.   जिवन के रूप अनेक - 

      जिस तरह से देखो - नजर ये आता स 

      जो जेसे माहोल मे रहता,वो उसी त्रह का बन जाता 

        महलो वाला आसमान की बाते करता 

        

       

    10.   कोई खाक से लाख का पल मे हो जाता 

            कोई लाख से खाक मे मिल जाता