देश प्रेम एक विचार या संसकार हैं, DESH PREM EK VICHAR YA SANSHKAAR, Patriotism is a thought or Sacrament

 



 देशप्रेम एक विचार या एक संस्कार हैं
मेरे दिल मे ये विचार आता बार है

हमे जनता ओर सरकार से बेरुखि होती लगातार हैं
हम  फिर भी  सदा युध के लिए रह्ते तेयार हैं


जब शहिदो के जनाजे पर जंनता आती बेसुमार हैं
जब जताती झुठा देश प्रेम हमारी ये सरकार हैं
वोट प्रेम के लिए हमारा  झुठा करती प्रचार हैं
जीते जी सैनिको पर होता सदा हि अत्याचार हैं

आतंकवादियो को भी मिलेे  हमारे जीवन से बडे मानव अधिकार हैं
जनता ओर सरकार के बिच मे खो जाते हमारे तो मानव अधिकार हैं
हमे आजादी से अब तक  यु ही शहिद करवाती आई ये सरकारे हैं
हम अपनी सरकार के अदेशो पर  काम करते आऐ लगातार हैं


 जवान होते जब तक  हम सरकार के काम के होते हैं
जवानी मे हम पे जो   इमोशनल अत्याचार होते हैं
फिर भी हम तो झंडे मे लिपटने को हमेशा तेयार होते हैं
मन  विचलित होता जब सबुत देेंने के जो सवाल होते हैं

जब हम छुट्टी के लिए साल मे  घर का रुख करते  एक बार हैं
जब जल्दी मे बिना सिट के ही रेल मे यात्रा करते लगातार हैं
जब किसी को  नही आता हम पे   वो देशप्रेम वाला प्यार हैं
लेट्रिंग के पास सुहाँना सफर  का अनुभव लेता लगातार हैं


जब छुट्टी मे कानून दिखती हम पे ये हमारी सरकार हैं
एक छोटे से काम के लिए चक्कर लगवाति लगातार हैं
बोर्डर पर खत्म कर देती सारे हमारे मानव अधिकार हैं
क्या क्या  बाताए हमारे पे जख्मो कि लगी लम्बी कतार है 



                 

Foji ke man ki kashak-2 फोजी के मन कि क्श्क -२ , HEART FEELING OF A ARMY MEN

 

 HEART FEELING OF  ARMY MAN

अब मन मे कस्क लिए मन ही मन मुसकराते जाते हैं
अब मन का कुछ बताते तो वो हमे फोजि मेंटल कह जाते हैं 
 

 एक तरह से हम दो तरह कि दुनिया मे बट जाते है
 एक तरफ वो जो  हुकम हमारे पे चलाते जाते है
 वो भविष्य अपना बना जाते पर  हमे अंधकार मे डाळ जाते है
 दुसरी तरफ वो जो दिल मे घुस कर अरमानो को लूट ले जाते हैं

 
 क्यो लोग अभी तक हमारी इस तिसरी दुनिया को  नही जान पाए हैं
 क्योकि  एक सैनिक पर  राजनिति करने का प्रतिबन्ध जो लगाए हैं
 क्यो अ‍भी तक सैना से अंग्रेजो के कानून को नही हम हटा पाए है
 इसलिए ये वीर सैनिक अपने देश मे अपनो से धोखा खाते आए हैं
 
 शाशक ओर प्रशाशन के बिच पीसते हम आए हैं
 जो कभी एल ओ सि ओर एल ए सि ना जा पाए हैं
  वो ही सदा से  हमारे लिए नियम बनाते  आए हैं
 इसलिए  हमारे अधिकार  हमेशा से कम होते गए हैं

 
 एक जगह एक साथ जो हमारे साथ काम करते आए हैं
उसमे भी अलगअलग हमे क्यो व्यवहार करते आए हैं
सबसे आगे  कि लाईन मे   हम  सदा लडते आए है
पर हमारे आफिसर ही ज्यादा  फायदा लेते आए हैंं
 
हम ओर हमारे आफिसर जिस बेसिक से भर्ति होकर आए हैं
उसमे एजुकेशन देख हमारे सारे बेसिक जो बनते आऐ हैं
पर एक जगह एक काम के अलग 2 भतत्तो के क्यो नियम बनाए हैं
ओर क्या देखे एक बाबु से भी निचे वाले पेय ग्रुप मे हम  बेठाए हैं


 जनता से क्या कहे हम  हम तो हर जगह भेद भाव सह्ते आए हैं
 हमारे से उप्पर कोइ ना ये सब देश्प्रेमी हमे सब ये कहते आए हैं 
 पर हम अपने घर कि तरफ से भी निशचिंत नही हो पाए हैं
 हमसे घर पर गलती से कोई गलती हो जाए तो जेल मे तुरंंत पाए हैं 
   
जेल तो चले गए पर पुलिस ने फोजी फशा ये कह अपने रंग दिखाए हैं
जेल  तो चले गए पर दुसरो से ज्यादा हमारे से वसुल कराए हैं
देख ये सैनिक प्रेम हम बहुत मन ही मन भी  नही पाए हैं 
फिर भी हम  अपना देश प्रेम  काम के रूप मे दिखाते आए हैं

 
                             
 "जय हिंद"