मत कर बन्दे गुमान
नही तेरी ये जान , ना तेरा ये जहाँन
1 उप्पर वाले ने , हमे बनाया इनसान
हम बना बेठे पक्के मकान
वेभव ओर पेसे कि लगा बेठे दुकान
इसके चक्कर मे, भुल बेठे भगवान
मत कर बन्दे गुमान
नही तेरी ये जान , ना तेरा ये जहाँन
2 भुल गए दुनिया, 4 दिन का ये बसेरा
इसमे तु करने लगा - तेरा मेरा
भुल ग्या - कया कर्म मेरा
क्या धरम मेरा
मत कर बन्दे गुमान
नही तेरी ये जान , ना तेरा ये जहाँन
3. क्यो गल्त करम कर
-बना रहा आने जाने का फेरा
ना कुछ तेरा ना , मेरा स - ये सब समय का फेर स
कुछ कर ले समय पे, होना ये सरिर ढेर स
मत कर बन्दे गुमान
नही तेरी ये जान , ना तेरा ये जहाँन
4. उप्पर वाले ने बनाया - मुहमाया का जाल स
जो इस्से निकल ग्या, उसने खतम कर काया की माया स
उसने राम नाम मे , मन अपना जो लगाया
पा ग्या ब्रहामा के चारनो मे मान स
मत कर बन्दे गुमान
नही तेरी ये जान , ना तेरा ये जहाँन