जीवन : बदलने का नाम, कविता,



Ramji Lal Sarpanch 2019

जीवन : बदलने का नाम

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 पल पल समय गुजरता जाए

 पल पल जीवन भी, रंग बदले जाए


सब खुली आँखों से नजर आए

पर देख कर भी-

अंजाना सा, ये मानव बन जाए

ज्यो- ज्यो उम्र बढ़ती जाए,

ये रंग और भी जल्दी बदलता जाए


जीवन : बदलने का नाम

पल पल बदल्ता जाऐ काम


Jiram Sarpanch 2019

माँ के तो हम अंश--फिर भी  माँ को  भुलाते जाए

बापू  अभिमान हमारा -फिर भी उसका करते अपमान


बहना भी एक दिन--दूरी बनाए जाए

भैया कि क़्या कहे--- ईस कलयुग मे,

सायद ही कोई हो जों भाई का हक़ निभाए

जो थे  बचपन मे , जान से प्यारे

वो ही भाई  जाने कब-- जान से मारे 


जीवन : बदलने का नाम- 

बदलते जाए अपने पास वाले नाम


घर परिवार वाले तो-- पल मे पाला बदल जाए

सुबह राम राम कहे-- शाम को रूठ जाए

जो इस पल अपना हैं-- जाने पल मे बेगाना हो जाऐ

सब जान कर भी ये मन - उनसे ना दुर रहना चाहे


कैसे कैसे रंग बदले ये दुनिया

किस किस के संग जीना सिखा जाती दुनिया

जैसे पल मे समय बदलता जाए

वैसे  रिश्ते नाते भी,पल- पल रंग बदल जाए

Zojo 2019


जीवन : बदलने का नाम- 

बस करते रहो अपने काम 


बेटा- जब तक जवान ना हो -

जब तक दुलाहाँ ना बने --

तब तक बेटा होता है

जैसे  ही दुल्हन आ जाए --

वो बेटा ,उसी का हो जाए


जीवन : बदलने का नाम- 

फिर मा बापु कि हालत भी -

पहले जेसी हो जाए 

पर अब उम्र ना - साथ दे पाए 

सोच -2  उनका जिवन बिते जाए 


जीवन : बदलने का नाम-


जीवन की यही -सच्चाई-

 - इस जगत मे - 

कोई किसि का ना दोस्त, ना भाई

सब को प्यारी लागे कमाई

चाहे फिर लेनी हो पुरे जगत की बुराई







जीवन एक संघर्ष, जीवन के रंग, कविता, देविंदर चोकन

देविंदेर २००५

जीवन के रंग


बहूत जल्दी,बदली हो जाते, जीवन के रंग है

बहूत जल्दी, समझ नहीं आते,जीवन के ढंग है


बचपन के रंग----

चाहे -किसी से ही पूछ लेना,

अमीर हो या गरीब,

सब ,अपने बचपन को ही, सवर्ग बताते है


सब अपने बचपन को- बड़े प्यार से

दुसरो को जता जाते है

लेकिन

 जवानी आते आते- सब एक दम बदली हो जाते है


जवानी के रंग---


जों बचपन मे, पापा- मम्मी के प्यारे होते है

वो जवानी कि दहलीज पर जाकर-

 धर्म पत्नी के प्यारे हो जाते है


जों भाई,  बचपन मे हर पल साया बने रहतें थे

वो भी पूरी तरह -नजरें बदल जाते है


दोस्ती के रंग ---

बचपन के दोस्त सायद ही, जवानी मे साथ चल पाते है

किसी ना किसी मोड़ पर, वो पीछे रहतें चले जाते है

और जवानी आते आते,

एक जैसे गमो के मारे ही साथ रह जाते है


जवानी आने पर,

बचपन वाले यार ही याद आए जाते है

क्योंकि जवानी मे तो यारी, मतलब तक रह जाती है


बुढ़ापा के रंग -=-=---

जब तक उम्र ढाल जाती है 

शरीर मे भी जान, नाम कि रह जाती है

घर वालो को भी, बाते बकवास लगने लग जाती है


चारो और से आस मिट जाती है

और फिर नजर प्रभु गुण गान कि तरफ जाती है

और फिर एक दिन दुनिया को अलविदा कहने कि बारी आती है


आखरी पल पर भी ये दुनिया अनेक रंग दिखाती है

किसी को तो पूरी उम्र होने पर भी अच्छे से मौत मिल जाती है

किसी को मौत बड़ी ही रुलाती है

फिर पीछे से जों घर वालो का रंग नजर आता है

वो भी मतलबी दिखाई देता जाता है


कैसे -=-

यदि जाने वाला जवान है तो उसकी उम्र

और बच्चों का रोना रोया जाता है

और यदि मरने वाला पूरी उम्र पर जाता है

तो वो क्या करता था उस नजर से याद किया जाता है


अंत मे सब यही रह जाता है कुछ नहीं साथ जाता है

फिर भी इंसान मोहमाया मे खोया रह जाता है

मरने पर ना जाने कौन आए

यदि मन मे कसके हो तो -


बेटा भी माँ बापू को भूल जाता है

वो उनके मरने पे भी नहीं आता है

जों माँ बापू का हिस्सा वो लें एक और बैठ जाता है

जानते हुए भी वो आखिरी समय मे उन्हें मिलने नहीं आता है

जिसके लिए पिताजी पूरी उम्र मारा -2 फिरा 


फिर क्या उसका दुनिया मे रह जाता है




मोहमाया क्या काम कि

 

ये मोहमाया किस काम कि


कुछ दिन पूछ बस तेरे नाम कि

जब तक बने रहो काम के करते रहेंगे प्यार

नहीं तो दिल्ल और घर से बाहर


बच्चों और परिवार को पालने को जों भी किए

अच्छे और बुरे कर्म, करनी का फल खुद भुगटना होगा

कोई ना साथ होगा तेरे फिर कयों करें, इतने अपनों के फेरे


साथी और जीवन साथी भी मतलब तक साथी रहते और देते है

कुछ पैदा हो जाए सवाल तो पल मे मुँह मोड़ लेते है


जब तक हर रिश्ते, बने रहेगे काम के

बेटे हो चाहे हजार,

बस आपको पैसे और मतलब तक 

बेटे को जरुरत जब तक,


समय कि रफ़्तार

 समय कि रफ़्तार अपनी रफ़्तार से चलती रहती है

ओर ज्यो 2 उम्र बढ़ती जाती है

रफ़्तार हमारी घटती चली जाती है

ओर अरमानो कि सरकार बनती चली जाती है 


बचपन मे समय कि तेजी का पता नहीं रहा है

इसलिए बस बचपन को ही दिल से जिया है

समय के साथी, अरमान बनते चले आए है

ओर ज़्यादा ही दुनिया के रिस्तो नातो मे फसते आए है


बचपन मे हर रिस्ता प्यार वाला बना रहा है

ओर ज्यो 2 बढ़ते चले गए, रिश्तो के मतलब भी

मोहमाया मे फसते आए है

बचपन के नाद रफ़्तार खूब बधाई लेकिन

घर ओर चाह के मोहमाया जाल ने निकलने 


कविता जीवन की

 कविता जीवन की,

 poems, kavita jivan ki


कविता जीवन की बनती गई

ज्यो 2 जीवन की लाइन बढ़ती गई


ज्यो ज्यो जीवन लीला बनती गई

ज्यो 2 यादो की लाइन बनती गई

कविता जीवन की बनती गई


यादो मे,  वादों मे, इरादों मे चाह बदलती गई

कही कही तो, हर चाह मेरी बदलती गई

कविता जीवन की बनती गई


बचपन मे प्यार की माया होती गई

जवानी आते आते दोस्तो की कहानियाँ बनती गई

अपनों की बोली घाव करती गई

कविता जीवन की बनती गई


पल पल की कल कल मे

रिस्तो की सूरत दिखती गई

जों थी अपने पन वाली राह

वो धिरे 2  बंद होती गई

कविता जीवन की बनती गई


समय क़े बदलाव मे,

जीवन क़े सारे रिश्ते बदलते गए

जों थे साथ जीने मरने को तैयार

वो ही रास्ता अपना बदलते गए

कविता जीवन की बनती गई


क्यो समझदार इसे मोह माया बताते आए

अब आके जीवन क़े आखिरी मोड़ पर, समझ हम पाए











मौशम, मौशम, की बात है




होती  मौशम, मौसम की बात है

  

 किसी मौसम  मे होती तेज-2 बरसात है

 तो किसी मौसम  मे होती नही  बरसात है


होती  मौशम, मौसम की बात है....


किसी मौसम   मे चलती तेज गर्म हवाए

तो किसि मौसम   मे बहती सर्द हवाए 

तभी तो कहते ,होती  मौशम, मौसम की बात है....


किसी मौसम मे होतीं तेज बारिश

किसी मौसम मे चलती तेज आधी है

किसी मौसम मे, तरस जाते धुप को

किसी मौसम मे जला  देने को होती धुप है 

तभी तो कहते ,होती  मौशम, मौसम की बात है....


किसी मौसम  मे, सब बारिश से तबाह हो जाए

किसी मौसम  मे, बिना बारिस तबाह हो जाए

किसी मौसम मे, बर्फ गीर गीर सब को सताए जाती हैं

किसी मौसम  मे , देख नजारा मन खिल -2 जाता हैं

तभी तो कहते ,होती  मौशम, मौसम की बात है....