समय कि रफ़्तार

 समय कि रफ़्तार अपनी रफ़्तार से चलती रहती है

ओर ज्यो 2 उम्र बढ़ती जाती है

रफ़्तार हमारी घटती चली जाती है

ओर अरमानो कि सरकार बनती चली जाती है 


बचपन मे समय कि तेजी का पता नहीं रहा है

इसलिए बस बचपन को ही दिल से जिया है

समय के साथी, अरमान बनते चले आए है

ओर ज़्यादा ही दुनिया के रिस्तो नातो मे फसते आए है


बचपन मे हर रिस्ता प्यार वाला बना रहा है

ओर ज्यो 2 बढ़ते चले गए, रिश्तो के मतलब भी

मोहमाया मे फसते आए है

बचपन के नाद रफ़्तार खूब बधाई लेकिन

घर ओर चाह के मोहमाया जाल ने निकलने 


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