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दिल कि तमन्ना : होती कभी नही पुरी हैं, DIL KI TAMANNA, तमन्ना




जो तमन्ना दिल कि पुरी  वो करने कि लगाए जाता दोड. हैं
जो तमन्ना किसी ओर की उसे पुरा करने कि करते होड. हैं

दिल का क्या ये तो दल-बदलु  पल मे बदल जाता हैं
दिल को जो पशंद आ जाए ये उसी तरफ हो जाता हैं 

पशंद का ना करे  ये पल मे ही हम से नाराज हो जाता हैं
पशंद का हो जाए ये पल मे प्यार का आगाज कर जाता हैं

 
समय के साथ -2 इसकी भी पशंद बदलती जाती हैं
समय के साथ -2 ईसकी नई पशंद बनती जाती हैं

बचपन मे खेलते ही रहना इसको जो पशंद आता रहा हैं
बचपन जो गुजरा तो खेलना अब इसको पशंद नही आ रहा हैं

 
जवानी मे दिल की तम्न्ना कुछ अलग ही हो जाता हैं
जवानी मे दिल की तम्न्ना कुछ ठोश होती जाती हैं
 
जेसे-2 जिंदगी बढती जाती दिल कि तम्न्ना बदलती जाती हैं.
जब बच्चे हो जाते तो अपनी तम्न्ना को हम भुलते जाते हैं
 
फिर बच्चे ही हमारे दिल कि तम्न्ना बनते जाते  हैं
फिर हम बच्चो कि तम्न्ना को ही पुरा करते जाते हैं
 
जब बच्चे अपने- अपने जिवन  मे कामयाब हो जाते हैं
फिर अपने दिल को भगवान की प्र्राथना कारने लग जाते हैं
 
इस तरह हम अपनी तमन्नाओ को पल पल बदलते जाते हैं
      नही मरने कि तमन्ना लिए इस दुनिया से भी चले जाते हैं

          "जय हिंद"