मोह माया का जाल क्या तोड पाएगे | Mohmaya kaa jaal | Hindi Kavita | Devinder Gujjar



 मोह माया का जाल क्या तोड पाएगे

जिस दिन हम  छोड. इस दुनिया को धर्म नगरी चले जाएगे
उस दिन छोड. सारे काम दूनिया वाले स्वर्ग धाम हमे ले जाऐगे
जिंदा रहते कोई विचार ना किया वो भी अच्छा हमे बता जाऐगे
जिदा रहते कोई विचार काम ना आया अब क्या काम आऐगे
 
कल्युग इतना बदला कि तीसरे दिन ही हमे भुल जाएगे
पहले कि तरह नही 13 दिन तक नही शोक मनाएगे
 
ये बात अलग कि बच्चे जो छोटे रह जाएगे
उन्हे कोन पालेगा बस जो ये अफ्शोश मनाएगे
 
उम्र हो जाए तो ये कब पिछा छोडे. ये गुहार लगाने लग जाएगे
कुछ ज्यादा कमाई हो तो सोचते कितने ओर  ये जी जाएगे
 
जीते जी हर रिस्ते लूट -2 कर बेशक खाते जाएगे
जब जी ना रहा तो झुटे आशु वो बहा कर दिखाएगे
 
सब को पता की एक दिन सब दुनिया छोड. जाएगे
पर अहंकार जो बसा अंदर नही वो छोड. पाएगे
 
भागदोड. भरी इस दुनियां मे ये एक पल ना रुक पाएगे
चाहे समय जीतना रहे सुख के समय ना प्रभु नाम जप पाएगे
 
भगवान के द्वार जाकर भी वो अपने ओर अर्मान जगाएगे
हे प्र्भु ! हमे ओर दे कुछ फिर तेरे द्वार स्वमं हम आएगे
 
एक बार जो दोड.ने लगे फिर ना ये रुक पाएगे
एक बार भी ये ना संतोश जो मिला उस पर जताएगे
 
धोखे फ्रेब से जो पुरी उम्र कमाया उसे यही पर छोड. जाएगे
जो कमाई लेगे वो कुछ दिनो मे ही याद करना छोड. जाएगे
 
कोरोना के काल मे क्या सब इसी के डर से मरते जाएगे
क्या कोई कैसे भी मरा हो डाक्टर उसे कोरोना ही बताएगे
 
क्या हम कोरोना के जाल से अपनी चाल भुल जाएगे
क्या हम अपनो को यु ही बुरे हाल मे छोड.ते जाएगे

चंडीगढ शहर एक नजर। Chandigrah sahar ek najar । हिंदि कविता । देविंद्र गुज्जर । चंडीगढ शहर के नजारे ।


 
चंडीगढ शहर जब देखा एक नजर
नजर थम जाए हर  डगर-2
 
चंडीगढ शहर के वो सेकटरो के नजारे
वो तरह -2 के  जो दिखते सितारे
 
चंडीगढ शहर मे मिले हमे जो हरियाली के  खुब नजारे
कही रोज गार्ड्न-रोक गार्डन तो कही सुकना झील के नजारे
 
चंडीगढ शहर मे सही मे दिखे प्यार की आजादी के नजारे
जोडे. देखे सुबह शाम सड.को पर प्यार के भरते हुलारे
 
चंडीगढ शहर मे गाडीयो कि हर शाम मे जो लगती कतारे
आखे खुली देख यहां एलट मोल जैसे अनेक जो नजारे
 
चंडीगढ शहर मे सरकारी महकमो के  आफिश बहुत सारे
हरियाणा,पंजाब ओर हिमाचल मे हुकम यही के चलते सारे
 
चंडीगढ शहर मे, प्यार के रोगीयो की लम्बि -2 कतारे
एक से बढ्कर एक हुरो के यहां हुए अजब गजब नजारे



 
चंडीगढ शहर मे हर धर्म के एक से एक बने द्वारे
कही चंडी मंदिर, कहि चर्च,कही मस्जिद,ओर गुरुद्वारे
 
चंडीगढ शहर मे, चंडीगढ रेल्वे स्टेशन के भी सबसे अलग नजारे
एक तरफ चंडीगढ शहर तो दुसरी तरफ पंचकुला शहर के नजारे
 
चंडीगढ शहर मे एक जगह मन के ठहरने के अद्भुत नजारे
एस्कांन मंदिर मे सभी के मन की शांति के खुल्ते जो द्वारे
 
चंडीगढ शहर मे 13 नम्बर सेक्टर के नही मिलते नजारे
वास्तु के हिशाब से चंडीगढ शहर मे सेक्टर जो बने सारे
 
चंडीगढ शहर मे, हर मोड पे पुलिस के होंगे नजारे
जो इस शहर की आबो हवा को लगाते चार सीतारे
 
चंडीगढ शहर मे, हर एक दिल के अर्मा होते पुरे सारे




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