मोह माया का जाल क्या तोड पाएगे
उस दिन छोड. सारे काम दूनिया वाले स्वर्ग धाम हमे ले जाऐगे
जिंदा रहते कोई विचार ना किया वो भी अच्छा हमे बता जाऐगे
जिदा रहते कोई विचार काम ना आया अब क्या काम आऐगे
पहले कि तरह नही 13 दिन तक नही शोक मनाएगे
उन्हे कोन पालेगा बस जो ये अफ्शोश मनाएगे
कुछ ज्यादा कमाई हो तो सोचते कितने ओर ये जी जाएगे
जब जी ना रहा तो झुटे आशु वो बहा कर दिखाएगे
पर अहंकार जो बसा अंदर नही वो छोड. पाएगे
चाहे समय जीतना रहे सुख के समय ना प्रभु नाम जप पाएगे
हे प्र्भु ! हमे ओर दे कुछ फिर तेरे द्वार स्वमं हम आएगे
एक बार भी ये ना संतोश जो मिला उस पर जताएगे
जो कमाई लेगे वो कुछ दिनो मे ही याद करना छोड. जाएगे
क्या कोई कैसे भी मरा हो डाक्टर उसे कोरोना ही बताएगे
क्या हम अपनो को यु ही बुरे हाल मे छोड.ते जाएगे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
thanks