kya कोरोना प्रकर्ति का विचार । कोविड-19 पर कविता हिंदी me । देविंद्र गुज्जर । कोरोना काल मे माहोल ।

 KAVITA: CORONA-3
 



कोरोना महामारी नही एक प्रकर्ति का विचार हैं
कोरोना दुर करने आई हमारे मन का विकार है
 
सब अपने वस मे करने का, मानव को नही अधीकार हैं
हे मानव तुम्हारे उप्पर भी चलती किसी की सरकार हैं
 
आए दिन दुनिया मे जो गलत हो रहे अविश्कार हैं
ये अविश्कार ही तो मानव के बन रहे अह्ंकार है
 
मानव प्रकूति को बदलने की कोशश कर रहा लगातार हैं
ये जो अपने -2 सपनो मे खोया  संसार हैं
 
ये ही तो मानवता का बन रहा गुनाह्गार हैं
धर्म के लिए मानव पर हो रहे जो अत्याचार हैं
 
अपने-2 विचारो से सब हो रहे दुनिया मे लाचार हैं
अपने -2  सब प्रसार कर रहे जो विचार हैं
 
इंनके विचारो मे अत्याचार भी, अछ्छे विचार हैं
इसलिए दुनिया मे आ रहे नए-2 विकार हैं
 
कोरोना तुमने दिखाया करने को बहुत ओर विचार हैं
हे मानव तुम्हारे से नही चल रहा ये संसार हैं
 
जिस तरफ कभी सोचा ही नही आया वो विचार हैं
अब साफ सफाई कि चारो ओर लगी जो कतार हैं
 
अब विचार आ रहा कि जरुरत हमारी कुछ ओर हैं
अब बस अपने आप को बचाने का शोर चारो ओर हैं
 
हर मर्ज कि दवा बनाता आया रे संसार हैं
पर कोरोना ने फेल किया ये सारा संसार हैं
 
इशके आगे नतमस्तक हुई बडि.-2 सरकारे हैं
अब   हथियार नही, अछ्छे होस्पिट्लो कि दरकार हैं
 

रंग जिंदगी मे भरते चलो | Hindi मे Kavita | Devinder Gujjar | रंग बिरंगी दुनियां












रंग जिंदगी मे भरते चलो
रंग जिंदगी मे बदलते चलो.
 
जब कोई रंग हो जाये बदरंग
उस रंग को बदलते चलो
...रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
गमो के घावो को
भ्रम के तावो को
खुशियो के भावो को
एक रंग मे रंगते चलो
...रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
सपनो कि छाव मे
सहर या गाव मे
चलने कि नाव मे
तुम समय के हिशाब से 
....रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
जब छुट जाए अपनो का साथ
जब दे जाए दोस्ती हमे मात
जब किस्मत दिखा जाऐ अपनी जात
जब नऐ  रंग अपने सपनो मे भर्ते चलो
.... रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
जब भी हो निराशा अपने जिवन से
जब भी हो निराशा अपने काम से
जब भी हो निराशा अनने नाम से
तब अपने जिवन के रंग बदलते चलो
....रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
जब भी सपने टुट जाए अपने
जब भी पिछे छुट जाए अपने
जब भी याद आते जाए अपने
तब जीवन के रंग बदलते चलो
....रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
जब जीवान के पुरे हो जाए रंग
जब जीवन मे साथ चलने को ना हो संग
जब जीदगी मे ना रहे कोई जंग
तब  रंग अपने जीवन मे भरते चलो