रंग जिंदगी मे भरते चलो
रंग जिंदगी मे बदलते चलो.
उस रंग को बदलते चलो
...रंग जिंदगी मे भरते चलो
भ्रम के तावो को
खुशियो के भावो को
एक रंग मे रंगते चलो
...रंग जिंदगी मे भरते चलो
सहर या गाव मे
चलने कि नाव मे
तुम समय के हिशाब से
....रंग जिंदगी मे भरते चलो
जब दे जाए दोस्ती हमे मात
जब किस्मत दिखा जाऐ अपनी जात
जब नऐ रंग अपने सपनो मे भर्ते चलो
.... रंग जिंदगी मे भरते चलो
जब भी हो निराशा अपने काम से
जब भी हो निराशा अनने नाम से
तब अपने जिवन के रंग बदलते चलो
....रंग जिंदगी मे भरते चलो
जब भी पिछे छुट जाए अपने
जब भी याद आते जाए अपने
तब जीवन के रंग बदलते चलो
....रंग जिंदगी मे भरते चलो
जब जीवन मे साथ चलने को ना हो संग
जब जीदगी मे ना रहे कोई जंग
तब रंग अपने जीवन मे भरते चलो
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