रंग जिंदगी मे भरते चलो | Hindi मे Kavita | Devinder Gujjar | रंग बिरंगी दुनियां












रंग जिंदगी मे भरते चलो
रंग जिंदगी मे बदलते चलो.
 
जब कोई रंग हो जाये बदरंग
उस रंग को बदलते चलो
...रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
गमो के घावो को
भ्रम के तावो को
खुशियो के भावो को
एक रंग मे रंगते चलो
...रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
सपनो कि छाव मे
सहर या गाव मे
चलने कि नाव मे
तुम समय के हिशाब से 
....रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
जब छुट जाए अपनो का साथ
जब दे जाए दोस्ती हमे मात
जब किस्मत दिखा जाऐ अपनी जात
जब नऐ  रंग अपने सपनो मे भर्ते चलो
.... रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
जब भी हो निराशा अपने जिवन से
जब भी हो निराशा अपने काम से
जब भी हो निराशा अनने नाम से
तब अपने जिवन के रंग बदलते चलो
....रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
जब भी सपने टुट जाए अपने
जब भी पिछे छुट जाए अपने
जब भी याद आते जाए अपने
तब जीवन के रंग बदलते चलो
....रंग जिंदगी मे भरते चलो
 
जब जीवान के पुरे हो जाए रंग
जब जीवन मे साथ चलने को ना हो संग
जब जीदगी मे ना रहे कोई जंग
तब  रंग अपने जीवन मे भरते चलो
 
 

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