मेरे शील नाथ महाराज, दर्शन दे दो ना

देविंदेर गुजर माजरी


सिद्ध श्री बाबा शील नाथ जी 

महाराज की जय

बोलो बाबा लटा धारी की जय


बाबा भईया की जय...

बोलो भगवान देवनारायण की जय


1. मेरे शील नाथ , महाराज,दर्शन दे दो ना-2


हर साल  फागण कि नवमी ने  होता भंडारा स 

तेरे भगतो का, लगता लम्बा- 2  लारा स 


होली पे भरता तेरे मंदिर पे, मेला निराला स 

इसमे सब गाव के बासी आते, 

चाहे रहने वाले हो गये दिल्लि के स 


2. मेरे शील नाथ  महाराज, दर्शन दे दो ना-2

    तेरे मेले मे भिड लग रही भारी स 

    कोई माटी छाट रहा - जोडे मे स 

    कोई माटी छाट रहा- बहू के तोडे मे 

    कोई माटी छाट रहा - नोकरी की चाहा मे स 

     कोई माटी छाट रही- संतान की चाहा मे 

     कोई माटी छाट रही-  पती उसका ना, गिरे पी-2 दारू ,गाव की राहा मे 

3   मेरे शील नाथ  महाराज, दर्शन दे दो ना-2

    सब अपनी इच्छा अनुसार, चाडा रहे परसाद स 

    जिनके बाबा तुने किए - काम पुरे स 

    वो चाढा रहे, तेरे मंदिर मे दान ओर झंडा स 

    कोई कर  रहा बाबा तेरा भंडारा स 

    जो उडाते बाबा,  तेरे दर का माखोल स 

    उनके घर का,  तु बाबा कर देता, अलग ही महोल स 

4  मेरे शील नाथ  महाराज, दर्शन दे दो ना-2

    यो देविंदेर फोजी भी, तेरी भगती कर्ते आया स

   जित भी मेंने बाबा तुझे पुकारा 

    उत ही  मिला बाबा तेरा सहारा स 

    अब सहारा नही  दरसन दे दो ना 

5.मेरे शील नाथ  महाराज, दर्शन दे दो ना-2

   गुरु राम किशन, गुज्जर माजरी वाला,

   -बना ग्या बाबा तेरा गाना स 

   रिस्तो  का टुटा, मायाजाल स -

   बस तुने बाबा किया मेरा खयाल स 

6  मेरे शील नाथ  महाराज, दर्शन दे दो ना-2

   बाबा तेरी दया ते, गाव मे आई सुध्धी  स 

   निर्विरोध पंचायत 25 साल बाद फिर ते बान पाई स 

   पहले जियाराम बाबा सरपच बना ओर अब विक्कि 

   जियाराम बाबा तेरे दर पे आया, अंतिम पग तक था 


 7. मेरे शील नाथ  महाराज, दर्शन दे दो ना-2

  दरसन को यो अनिल यादव  भी आया बाबा 

  तुने  इसकी  भी रखी लाज स 

   इस पे भी बसती माता ने रखा इज्जत का ताज स 

   महारे एम पी  इंद्र जीत जी की  जीत मे भी, बाबा तेरा शहारा स 


    मेरे शील नाथ  महाराज, दर्शन दे दो ना


बापु मेरे, तेरी कही, एक -2 बात-2

 

बापु मेरे, तेरी कही, एक -2  बात,     जब तक समझ  आई-

 मची चारो ओर दुहाई स       ( टेक - 


तु  जब ते  ग्या ,छोड.हमे स्वर्ग धाम,     बापु मेरे, तेरे बीना घर तेरा,ये हुआ सुनसान स

बेसक तु पडा खाट मे था, घर ये तेरा रहता चेहचाह्ट मे था -2


एक मिलके जाता ,दो मिलन आ जाते थे, सब अपने -2 विचार बताया करते ?

बापु मेरे, तेरी कही- एक -2 बात  याद आवे  स


तेरे विचारो मे, निद ना आती, सारी -2 रात स 

बापु  तेरे नोते  जो आवे , वो पुरे कर दु , मेरे लिये ये ही बहुत बडि. बात स 


 बात जब तक समझ  आई-, मची चारो ओर दुहाई स 

अब तो कोई गल्ती ते, ही घर आ जाया कर्ता स 

वो तेरा हुक्का ओर कली,  एक कोणे मे धरे , पिवणिये की देखे, जावे बाट स 


तु के ग्या , चाली गई महारी चोधराहट स 

आणे जाणे वालो की, अब तो कदे -2 होती आहाट से


 बापु मेरे, तेरी कही, एक -2  बात-जब तक समझ  आई-

 मची चारो ओर दुहाई स       ( टेक - 


बापु, सुनी पडी,तेरी वो बेठक स , आनीए जाणिए की देखे जा बाट स -2


बापु मेरे ,तेरा ये पोता भी, अब बण ग्या ,फोजी स 

,एक साथ तीन पीढि ,फोजि बन गई तेरी स 

कोई कमी स तो, बस कमी एक तेरी स


अब तो, तेरे पोते के, रिस्ते भी आते, अनेक स 

अब तेरे बिना, नही कोई ,जल्दी ब्याह  कि, स 


एक एक कही बात तेरी हो रही - साची स 

दर-2 के भटके हो गए, जो बात कहे कर्ते कच्ची थे 


अपना पेट भी,नही भर पा रहे वो  नीक्कमे स, 

 तेरे बताए रास्ते पे, कदमचल रहे,मेरे, अभी नहि थमे स 


बापु मेरे, तेरी कही, एक -2  बात-  सच हो रही स