कोरोना काल 2020


 Corona Pandemic

कोरोना तेरे काल मे बदलाव आ गया दुनिया कि चाल मे
कोरोना तेरे काल मे सब निरोगी रहना चाहते हर हाल मे


कोरोना के डर से कब तक बंद रह्ते घर हाल मे
घर से बाहर जाऐ तो बिमारी से है सब बुरे हाल मे
जो देश विकशित बताते आए सब फसे हैं इस्के जाल मे
 जनता गरिब जिस देश मे वो होना चाहिए किस हाल मे


कोरोना ने बदलाव  कर दिया दुनीया के महोल मे
साफ- सफाई के गुण ला दिए  हर घर के महोल मे
सुनशान महोल बना दिया हैं इसने पुरे  जहाँन मे
सब देश विचार करने लगे हैं    इसके उपचार मे

 बंद सबको इसने कर दिया अपने घरो कि चारदिवारो मे
 बचने को सोशल डीसटेंशिंग प्रयोग किया जाने लगा कतारो मे
बेठको का दोर तेजी से चलने लगा सभी देशो कि सरकारो मे
रोज रोगी हो रहे ज्यादा दिखाया जाने लगा सभी समाचारो मे


साफ सफाइ की अछ्छि आदत कि सुरुआत हुई सभी बजारो मे
मास्क ओर सेनेटाइजर दिखाई देने लगा सभी के हाथ ओर बाजारो मे
कोरोना ने बदलाव ला दिया हमारेआपस मे मिलनेे के सभी संस्कारो मे
जगह- जगह दो गज़ कि दुरी के निशान दिखने लगे  भरे बाजारो मेे

भाग दोड. भरी जिंदगी थम शी गई इस कोरोना काल मे
सायद ही सभी बच्चे स्कुल जा पाऐ अब इस २०२० के साल मे
बाजार मे बने रहना हो तो आंन लाईन आना होगा हर हाल मे
मोबाईल वालो ने खुब डाटा बेचा 
आंन लाईन  के बाजार मे

अब जागरुकता सी बनी  इमोनो सिसिट्म के बारे मे
जागरुकता बढ गई हल्दि ओर तुल्शी के गुण के बारे मे
हर कोई कहने लगा बस भलाई  ग़रम- गरम खाने मे
सायद हि कोई रिपोर्ट चोरी कि लिखी होथ थानेे  मे 

 घर पर ही रहा इंशान अपने आप को बचाने मे
अब जायका आने  लगा उसे अपने  घर के खाने मे
कुछ समय बच्चो केे साथ बिता पाऐ घर रुक जाने मे
सभी ने एक दुसरे का हाथ बटाया खुब घर के खाने मे



देश प्रेम एक विचार या संसकार हैं, DESH PREM EK VICHAR YA SANSHKAAR, Patriotism is a thought or Sacrament

 



 देशप्रेम एक विचार या एक संस्कार हैं
मेरे दिल मे ये विचार आता बार है

हमे जनता ओर सरकार से बेरुखि होती लगातार हैं
हम  फिर भी  सदा युध के लिए रह्ते तेयार हैं


जब शहिदो के जनाजे पर जंनता आती बेसुमार हैं
जब जताती झुठा देश प्रेम हमारी ये सरकार हैं
वोट प्रेम के लिए हमारा  झुठा करती प्रचार हैं
जीते जी सैनिको पर होता सदा हि अत्याचार हैं

आतंकवादियो को भी मिलेे  हमारे जीवन से बडे मानव अधिकार हैं
जनता ओर सरकार के बिच मे खो जाते हमारे तो मानव अधिकार हैं
हमे आजादी से अब तक  यु ही शहिद करवाती आई ये सरकारे हैं
हम अपनी सरकार के अदेशो पर  काम करते आऐ लगातार हैं


 जवान होते जब तक  हम सरकार के काम के होते हैं
जवानी मे हम पे जो   इमोशनल अत्याचार होते हैं
फिर भी हम तो झंडे मे लिपटने को हमेशा तेयार होते हैं
मन  विचलित होता जब सबुत देेंने के जो सवाल होते हैं

जब हम छुट्टी के लिए साल मे  घर का रुख करते  एक बार हैं
जब जल्दी मे बिना सिट के ही रेल मे यात्रा करते लगातार हैं
जब किसी को  नही आता हम पे   वो देशप्रेम वाला प्यार हैं
लेट्रिंग के पास सुहाँना सफर  का अनुभव लेता लगातार हैं


जब छुट्टी मे कानून दिखती हम पे ये हमारी सरकार हैं
एक छोटे से काम के लिए चक्कर लगवाति लगातार हैं
बोर्डर पर खत्म कर देती सारे हमारे मानव अधिकार हैं
क्या क्या  बाताए हमारे पे जख्मो कि लगी लम्बी कतार है