आज नए साल की पढ़ाई, कर लेते हैं
याद कर्के पिछ्ले साल कि, कुछ यादे ओर वादे
किसी ने खुशियों के आने कि मनसा को बनाया
किसी ने बुरी संगति को बाय बाय कहने का मन बताया
2024 तो सकुन दे गई, 2025 भी हमे फिर से सकुन दे
यहि हमारी मनोकामनाए हैं
माना कि वो हि दिन हैं वो हि सब हैं सामने हमारे
फिर भी ओर कुछ पाने ओर कि इछा दिल मे हैं
शेष सब प्रभु की माया , जो हमने पाया हैं।
आगे भी हम , सही होने कि कमना करते हैं ।
जो बुरा कुछ हुआ जीवन मे वो फिर ना घटे मेरे जिवन मे।
हम और हमारा देश आगे बडे. ओर नए किर्तिमान बनाए।