बदलाव जीवन के -1981-2023-और आगे


बदलाव जीवन के -1981-2023


जब से सूरत संभाली और जो याद है

जो जीवन मे बदलाव आए वो बताना चाहता हूँ


1.बचपन मे घर वालो का प्यार


माँ बापू तो वैसे ही रहे जैसे बचपन मे थे

कूछ बदले तो हम ही बदल गए -शादी के बाद

बापू बेचारा सही राह और ईमानदारी

बताता हुआ इस दुनियां से ही चला गया


2. माँ -वो ही प्यार की मूरत स

जो बचपन मे थी

बदले तो उसके बेटे बदल गए

पैसे पास होना एक अलग बात स

लेकिन संस्कार एक अलग बात स

अब माँ बापू ने हमें अलग अलग

 संस्कार नही दिए थे


3 समय के साथ दोस्तों और अपनों का बदल ग्या वो प्यार स

   अब  रिस्तो कि प्रित नही , सब को पेसा प्यारा स 

   इन पेसो  के मायाजाल  ने,  खतम किया रिस्तो का संसकार स   

   अब तो बस दुनिया मे सब  दिखवटी प्यार स 

4.  पत्नी के बदले रूप - 

    बदालते जहाँ मे - बदल ग्या हिंदुस्तान स 

     पहले जो हमारी संस्क्रिती थी वो काफी बदल गई स 


     कहते हैं की - सत्यवान के प्राण सावत्री यमराज से वापिस ले आई थी  

    लेकिन अब 2023 मे सब बदल गया सारा माहोल स 

     

    पहले पती मरने पर, पतनी एक बच्चे पे जिवन बिता लेती थी 

    लेकिन अब तो तेहरवी तक ही इंतजार नही होता स 

    एक महिने मे हि, कर लेती नया  ठिकाना स,

     

    ये नही की नई -2 बहु के ये काम स 

    ये तो 2-2 बच्चे वालियो के काम स 

    पती चाहे जिंदा हो, छोड. जाती स 

    बहाना दारु के, ले कसम नया आवे स

     

    पर जाकर दुसरे घर भी वो चेन नही पाती स 

    वहा जाकर भी वो पछतावे स 


       नई -2 छोरी भी फिल्मी प्यार के चककर मे 

       मा , बापु कि इज्जत को ठोकर दे घर से भाग जावे स

       जाकर कोर्ट मेरिज कर लेते स 

       सरकार भी उनको  पेसे देती स 

      इस्से  सहो समाज का संसकार खतम हो रहा स 


    अब तक समाज भी सो रहा 

     ओर सो रही सर्कार भी स 

      यदी जल्दि इस पे गोर नही किया तो 

     जिस समाज को अंग्रेज भी नही तोड पाए 

      अब ये अपने राज मे हि टुट जाना स 


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