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देश प्रेम, राष्ट्र प्रेम, अपना धर्म अपना कर्म

 मेरा देश मेरा देश सब करते फिरते

पर देश के लिए, कोई करता ना कुछ


जिसे देखो वो, अपने आप कों साधे

कर जाए जाने क्या क्या वादे


देश पर जान सदा से देते आए

सेना के जो जवान है


पर उनका घर, त्रासत फिरता लेने कों सम्मान है

जिसे देखो वो, सैनिक कों ही सहीद होते देसखना चाहे


पर खुद ना कुछ, करना चाहता है

प्रेम कोई जो दिखता सब करता ढोंग है


सब जवान सहीद हो घर आया

मानो जैसे कोई कितना बड़ा सैनिक आया


पर घर जाने तक सब भुला जाते

एक सहीद के परिवार कों है


कैसे रह रहा कोई ना आटा देखने इस

परिवार को है


नेता वोट बैंक बनाने को आता

जनता आती झूठा भक्ति भाव दिखाने को 


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