समय के साथ सब बदलता रहा
ज्यो ज्यो समय बिता, विचार बदलता रहा
मेरा और मेरे ज़माने का
ज्यो ही विचार कुछ बना, समय ने करवट लें ली
फिर क्या था विचारों ने भी करवट लें ली
ऐसे ही अब तक दुनिया हमारी बदलती रही
जों बचपन के प्यारे भाई थे
वो जवानी मे आ, न्यारे हो चले थे
कुछ और समय बिता कि,
वो जान से प्यारे ही हमारे जाने दुसमन बन गए थे
अब जाते तो कहाँ जाते -किस को क्या बताते -
अपनों के पास पहुंचे - वो अपने भी उनके साथी बन बैठे थे
दोस्तों के पास गए -दोस्त भी दुरी बना गए
इतना सब देख, हम भी पहचाने लगे कि क्या दुनिया है
समय ने सब सीखा दिया - कि क्या क्या दुनिया के रंग है
समय के साथ सब, साथी साथ छोड़ते चले गए है
जों भाई थे वो भाव कम करतें गए
दोस्त, दोस्ती को भूलतें गए
एक समय ऐसा भी आया कि,
भैया दोज मनाने वाली बहन भी, भुला गई
बाकी रिश्ते दारो का क्या कहे
वो तो अपने खून से नहीं थे
तो वो क्या काम आने वाले थे
अब हमें अपने और अपने भगवान
के सिवा किसी पर यकीन ना रहा
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